शरीर के खास अंगों पर तेल लगाने से जुड़ी हैं ये बातें, इनसे बुढ़ापा रहता है दूर

अधिकांश लोगों की दैनिक दिनचर्या में नहाने से पहले या नहाने के बाद शरीर पर तेल मालिश करना भी शामिल है। तेल मालिश से लंबे समय तक हमारी त्वचा पर चमक बनी रहती है, बुढ़ापा दूर रहता है। शास्त्रों में भी तेल मालिश करने की बात कही गई है। ग्रंथों में कई प्रसंग आते हैं जहां राजा-महाराजा तेल मालिश करवाते बताए गए हैं।
तेल मालिश एक ऐसा अचूक उपाय है जिससे त्वचा कांतिमय और सुंदर बनी रहती है। साथ ही त्वचा संबंधी बीमारियां से भी बचाव होता है।

भारतीय संस्कृति में प्रत्येक व्यक्ति की दिनचर्या इस तरह निर्धारित की गई है कि उनसे हमारा तन और मन दोनों प्रसन्न होते हैं जिनके बल पर धन भी खूब अर्जित कर सकते हैं। तेल से मालिश की दिनचर्या के पीछे भी यही दृष्टिकोण है। ऐसा कहते है कि तेल मालिश से हम युवा बने रहते हैं।
शास्त्रों के अनुसार अगर इस दिनचर्या का पालन नियमित रूप से किया जाए तो बुढ़ापा जल्दी नहीं आता है। यह मनुष्य शरीर को निरोग रखने की एक वैज्ञानिक क्रिया है।

यह वैज्ञानिक क्रिया है...
हमारे शरीर पर असंख्य रोम छिद्र होते हैं। हमारी त्वचा जालीदार है। यह छिद्र शरीर से प्रदूषित वायु गैस के रूप में बाहर निकालते हैं। प्रतिदिन सफाई के अभाव में यह छिद्र बंद हो जाते हैं। यदि यह छिद्र बंद हो जाए तो हम कई बीमारियों की पकड़ में आ सकते हैं। इससे बचने के लिए हमें प्रतिदिन नहाना चाहिए और शरीर पर तेल मालिश करनी चाहिए। जिससे ये रोम छिद्र हमेशा खुले रहे सके। तेल मालिश से हमारे शरीर का रक्त संचार भी व्यवस्थित चलता रहता है।

वैसे तो स्वस्थ त्वचा के लिए तेल मालिश करना नियमित दिनचर्या है लेकिन सप्ताह में इसे केवल तीन दिन ही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोमवार, बुधवार, और शनिवार को तेल मालिश करना चाहिए। जबकि रविवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को तेल मालिश नहीं करनी चाहिए। अगर रोजाना करना ही हो तो फिर कुछ उपाय करने के बाद ही करें।

वाल यह उठता है कि रवि, मंगल, गुरुवार और शुक्रवार को तेल से मालिश क्यों न करें? दरअसल इसके पीछे भी विज्ञान है।
शास्त्र कहते हैं कि इन दिनों में तेल मालिश करने पर रोग होने की आशंका रहती है।
तैलाभ्यांगे रवौ ताप: सोमे शोभा कुजे मृति:।
बुधेधनं गुरौ हानि: शुझे दु:ख शनौ सुखम्॥
अर्थ- रविवार को तेल मालिश से ताप यानी गर्मी संबंधी रोग, सोमवार को शरीर के सौन्दर्य में वृद्धि, मंगलवार को मृत्यु भय, बुधवार को धन की प्राप्ति, गुरुवार को हानि, शुक्रवार को दु:ख और शनिवार को करने से सुख मिलता है

शास्त्रों के अनुसार रविवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को तेल से मालिश करना मना है। इसके पीछे भी विज्ञान है। रविवार का दिन सूर्य से संबंधित है। सूर्य से गर्मी उत्पन्न होती है। अत: इस दिन शरीर में पित्त अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक होना स्वाभाविक है। तेल से मालिश करने से भी गर्मी उत्पन्न होती है। इसलिए रविवार को तेल से मालिश करने से रोग होने का भय रहता है।

मंगल ग्रह का रंग लाल है। इस ग्रह का प्रभाव हमारे रक्त पर पड़ता है। इस दिन शरीर में रक्त का दबाव अधिक होने से खुजली, फोड़े-फुन्सी आदि त्वचा रोग या उनसे मृत्यु होने का डर भी रहता है। 

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